तुलसी माला (तुलसी माला) तुलसी के पौधे (पवित्र तुलसी) की लकड़ी से बनी मोतियों की एक पवित्र माला है। हिंदू धर्म में इसका व्यापक रूप से मंत्रों के जाप के लिए उपयोग किया जाता है, खासकर जप (मंत्रों का दोहराव) और ध्यान के दौरान। इसके बारे में एक त्वरित मार्गदर्शिका यहां दी गई है:
🌿 तुलसी माला का महत्व:
आध्यात्मिक लाभ: अत्यधिक शुद्ध और पवित्र मानी जाने वाली, यह मन की शांति और आत्मा को शुद्ध करने वाली मानी जाती है।
भगवान विष्णु/कृष्ण से जुड़ी: तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और अक्सर वैष्णव हरे कृष्ण मंत्र का जाप करते समय इसका उपयोग करते हैं।
नकारात्मकता से सुरक्षा: ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर भगाती है और पहनने वाले को बुरे प्रभावों से बचाती है।
📿 तुलसी माला की संरचना:
आमतौर पर इसमें 108 मनके + 1 गुरु मनका होता है।
यह एकल या दोहरी माला हो सकती है, अक्सर प्रत्येक मनके के बीच एक गाँठ के साथ बंधी होती है।
🕉️ तुलसी माला पहनने/उपयोग करने के लाभ:
ध्यान के दौरान एकाग्रता और ध्यान को बढ़ाता है।
शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती को बढ़ावा देता है।
भक्ति और आध्यात्मिक संबंध को मजबूत करता है।
नकारात्मक कर्म को दूर करता है और चक्रों को संतुलित करता है।
🙏 तुलसी माला के साथ जपने के लिए मंत्र:
हरे कृष्ण महा मंत्र:
“हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे,
हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे”
ओम नमः शिवाय (शिव भक्तों के लिए)।
सामान्य तंदुरुस्ती के लिए गायत्री मंत्र।
⚡ तुलसी माला का उपयोग कैसे करें:
दाहिने हाथ में माला पकड़ें, अंगूठे और मध्यमा उंगली का उपयोग करके मनकों को घुमाएँ।
तर्जनी उंगली से मनकों को छूने से बचें।
गुरु मनके के बगल वाले मनके से शुरू करें और हर मनके पर एक मंत्र का जाप करें।
क्या आप जानना चाहेंगे कि तुलसी माला का उपयोग करने से पहले उसे कैसे सक्रिय या शुद्ध किया जाए? 😊
यह तुलसी माला है, और इसे सुखी तुलसी की लकड़ी से बनाया जाता है।
इस माला को पहनने से व्यक्ति के जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है और यश और सौभाग्य में वृद्धि होती है। तुलसी की माला को धारण करने के लिए इंसान को सात्विक नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। अगर आप तुलसी की माला धारण कर रहे हैं, तो इसे पहनने से पहले गंगाजल से शुद्ध कर लें।
इस माला को पहनने से व्यक्ति के जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है और यश और सौभाग्य में वृद्धि होती है। तुलसी की माला को धारण करने के लिए इंसान को सात्विक नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। अगर आप तुलसी की माला धारण कर रहे हैं, तो इसे पहनने से पहले गंगाजल से शुद्ध कर लें।